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मनवो लाग्यो मेरो राम, फकीरी में – कबीर की साखियाँ class 9

कबीर का जन्म

Kabir ke Shabd

मनवो लाग्यो मेरो राम, फकीरी में।।
जो सुख देखा राम भजन में जी,
वो सुख नहीं अमीरी में।।
भला बुरा सबकी सुन लीजे,
कर गुजरान गरीबी में।।
प्रेम नगर में रहन हमारी,
भली बनी आई सबुरी में।।
हाथ में कुंडी बगल में सोंटा,
चारों कूट जगिरी में।।
आखिर ये तन खाक मिलेगा,
कहाँ फिरै मगरूरी में।।
कह कबीर सुनो भई साधो,
साहिब मिलेंगे सबुरी में।।
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