Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
मन परदेसी रे, यहाँ ना अपना देश।
सत बोलो औऱ सत में रहना,
जैसी कह कोए वैसी सहना।
ये है तेरी मोक्ष का लहना,
इसको रटो हमेश।।
सत वचन गुरु जी का मानो,
जगत जाल झूठा कर जानो।
ये है तेरा सच ये जानो,
सद्गुरु भजो हमेश।।
जगत जाल झूठा कर जानो।
ये है तेरा सच ये जानो,
सद्गुरु भजो हमेश।।
जहां भी देखो रूप हमारा,
कोई नहीं है हमसे न्यारा।
यही मूल है मन्त्र हमारा,
ध्यान लगा के देख।।
कोई नहीं है हमसे न्यारा।
यही मूल है मन्त्र हमारा,
ध्यान लगा के देख।।
रविदास तो सत्य लखागे,
धर्मदास चरणों चित्त लागे।
मीरा जी को सत्य बतागे,
सद्गुरु का उपदेश।।
धर्मदास चरणों चित्त लागे।
मीरा जी को सत्य बतागे,
सद्गुरु का उपदेश।।