महालक्ष्मी व्रत
राधाष्टमी के ही दिन यह व्रत किया जाता है। इस ब्रत को 16 दिन तक रखते हैं। निम्न मंत्र को पढ़कर संकल्प करें-
करिष्ये5हं महालक्ष्मी ब्रतते त्वत्परायणा।
अविघ्नेन मे मातु समाप्ति त्वत्प्रसादतः॥
हे देवी! में आपकी सेवा में तत्पर होकर आपके इस महाव्रत की ही करूँगी। आपकी कृपा से यह व्रत बिना विघ्नों के पूर्ण हो।