जीवन नाम है परिवर्तन का
जीवन नाम है परिवर्तन का जीवन का एक कटु पल देख कर प्रयत्न में विराम न आये एक चोट से घायल हो कर
राह तुम्हारी कहीं बदल ना जाये कितनी देर ठहरेगा आवारा बादल कब तक यह बौछार रहेगी तूफान रहेंगे आते जाते फिर मनचाही बयार बहेगी आंखों में यूं आंसु भरकर नजर न कर तू धूंधली अपनी मुस्कानों के रथ पर चढ कर पानी है तुझे मंजिल अपनी कब सूखे हैं वृक्ष हरीले पत्तों के गिर जाने से नीड बनेंगे फिर से इन पर बसन्त बहार के आने से फिर से कलियां खिल आयेंगी
फिर से कोयल कूकेगी फिर से फल आयेंगे इन पर फिर ये डालें लद जायेंगी पथ के क्षणिक ठहराव को मृत्यू की तुम संज्ञा देकर जीवन को रसहीन न करना इस धरा पर जन्म लिया है सबको ही है एक दिन मरना देख ध्यान से समय को करवट लेते जीवन नाम है परिवर्तन का व ऋतुओं के आने जाने का जब आन्नद का अमृत पिया है पीडा में, न सम्बल ले, बहाने का काल के कपाल पर कील ठोंक कर अनवरत रख तू यात्रा जीवन की राहें सुगम हो जायेंगी स्वंय ही प्रकाशित हो, उज्जवल स्वर्णिम सी