श्यामजी की जात
फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी को श्यामजी की जात लगाई जाती है। एक जगह थोड़ी सी मिट्टी बिछाकर उसके ऊपर एक घी का दीपक रखें। दीपक के नीचे थोड़ा चावल भी रखें। फिर दीपक के आगे आग रखना चाहिए। अग्नि में घी डालें। रोली, चावल, जल, फूल तथा नारियल आदि चढ़ाकर पूजन करें। फिर रोली का टीका काढ़कर, दोनों हाथ जोड़कर दण्डवत करें। इस दिन ब्राह्मण को भोजन भी कराना चाहिए। प्रसाद उसी दिन खा लेना चाहिए।