प्यारे प्रपंच में तो दिन रात तुम गुजारो – कबीर भजन कव्वाली चेतावनी
कबीर भजन चेतावनी प्यारे प्रपंच में तो दिन रात तुम गुजारो, मानुष का तन ये पाके कूद्ध जो जरा विचारा।
कबीर भजन चेतावनी प्यारे प्रपंच में तो दिन रात तुम गुजारो, मानुष का तन ये पाके कूद्ध जो जरा विचारा।
Kabir ke Shabd गुरू बिन मुक्ति ना, चाहे करले जतन हजार।। गुरु बिन ज्ञान, ज्ञान बिन मुक्ति। आशा तृष्णा ना
Kabir ke Shabd तुंही-२ याद मोहे आवै रे दर्द में।। लख चौरासी भटकत भटकत, मार पड़े भग जावै रे दर्द
Kabir ke Shabd संगत तो करले साध की, जामे उपजै सै आत्मज्ञान।। जल देखे सुख उपजै जी, साधु देखे ज्ञान।
नारायण – नारायण बोल तोते नारायण -२ बोल-कबीर दास जी नारायण -२बोल तोते नारायण -२ बोल। हरी पंख तेरी चोंच
Kabir ke Shabd बिन सद्गुरु पावै नहीं, जन्म धराओ सो सो बार।। चाहे तो लोटो धरण में हेली री, सुन्न
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HENDRIK MORELLA
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