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अभी मैं क्यों न मरी – Kabir Ke Shabd – Why don’t I die now?

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
अभी मैं क्यों न मरी

अभी मैं क्यों ना मरी।।
हरिणाकुश के घर में, मैंने डेरा डाला।
पिता पुत्र का देखो, दिया निकाल दिवाला।
बुद्धि रही सब धरी की धरी।।


सर्वनाश रावण का, मैंने ही करवाया।
पाप घड़ा पापी का, मैने ही भरवाया।
मैं भी कभी जान थीं हरी हरी।।

महाभारत नहीं होता, गर मैं वहाँ नहीं होती।
चीर हरण ना होता, और नहीं द्रोपदी रोती।
आवारा कलियुग में कहीं मैं ना मरी।।
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