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वा घर जाइये हे निद्रा,जिस घर राम नाम ना भावे-Kabir Ke Shabd-vaa ghar jaaeye he nidraa,jis ghar raam naam naa bhaave।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

वा घर जाइये हे निद्रा,जिस घर राम नाम ना भावे।
बैठ सभा में मिथ्या बोले,निंदा करे पराई।
सो घर हमने तुम्हे बताया,जाइयो बिना बुलाई।।

के तू जाइये राज द्वारे ,के रसिया रस भोगी।
म्हारा पीछा छोड़ बावली,हम तो रमते जोगी।।

ऊँचे-2महलन जइयो कामनी प्यार करायो ।
म्हारे पर के लेगी बावली,पत्थर पे सर फूडवाईयो।।

कहे भरथरी सुन री निद्रा,यहाँ नही तेरा बासा।
हम तो रहते राम भरोसे,गुरु मिलन की आशा।।

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