Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
उमरिया बीती जाइ, तनै राम नाम नहीं गाई।
कोड़ी कोड़ी माया जोड़ी, करली खूब कमाई।
ये तो तेरे काम न आवै, साथ कछु न जाई।।
ये तो तेरे काम न आवै, साथ कछु न जाई।।
कर्म धर्म का लेखा जोखा, होगा इक दिन तेरा।
भले बुरे कर्मों का फल ही, साथ रहेगा तेरा।।
उड़ जाएगा हंसा इक़ दिन, पिंजरा तोड़ के भाई।
धन दौलत सब महल अटारी, यहीं पड़ी रह जाइ।।
कह सीमा दिल की बतियाँ, मान ले अब तूँ भाई।
गर तूँ भजन करेगा, तेरी होजा सफल कमाई।।