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तूँ करले भजन बंदगी कल्याण के लिए-Kabir Ke Shabd-tun karle bhajan bandgi kalyaan ke lia।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
तूँ करले भजन बंदगी कल्याण के लिए। 

वादा करके आया था, हरि नाम के लिए।।


क्यूँ वृथा समय गंवावै, जो फेर बावहड़ ना आवै।
सन्त तुझे समझावै।
क्यूँ मूर्ख बढ़ती चाहवै, जम्मान के लिए।। 

तेरे कुछ भी समझ ना आया, बालापन खेल गंवाया।
रे देख बुढापा पछताया।
तूँ माया में भरमाया, अभिमान के लिए।।

ये मान मूर्ख मेरी, ना फिर पछताएगा।
कर भजन गुरू का तूँ, फल इच्छा का पाएगा।
तनै अर्ज करी थी गुरुवर तैं, गुणगान के लिए।।

तूँ छोड़ दें हेराफेरी, राकेश करै ना देरी।
फिर नैय्या पार हो तेरी।
नब्ज पाली सन्तों ने तेरी संज्ञान के लिए।।
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