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तुं कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे-Kabir Ke Shabd-tun kar bandgi aur bhajan dhire dhire।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

तुं कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे।
मिलेगी पृभु की शरण धीरे धीरे।।

दमन इंद्रियों का तुं, करता चला जा।
बना शुद्ध चाल चलन धीरे धीरे।।

मिलेगा तुझे खोज, जिसकी है तुझको।
कर्म से जो होगी लग्न धीरे धीरे।।

कदम नेक राहों पे, धरता चला जा।
मिटेगा ये आवागमन धीरे धीरे।।

छिड़क जल दया का, तुं सूखे दिलों पे।
बसेगा ये उजड़ा चमन धीरे धीरे।।

गुरु सेवा तेरी, तेरी देश भक्ति।
दिखाएगा तेरा वतन धीरे धीरे।।
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