Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
तेरी किस्मत माड़ी, सत्तनाम लगै खारा।
आपे को तो सेठ बतावै, सन्तों ने लँगवाड़ा जी।
आगै यम कै मार पड़ै तेरै करके गात उघाड़ा।।
जोड़ जोड़ धन भेड़ा कर लिया, मार मार के दाड़ा।
पाप का पैसा लगै पाप में दवा लगै ना झाड़ा।।
पाप का पैसा लगै पाप में दवा लगै ना झाड़ा।।
कदे माता कदे पीर मनावै, हुआ जान ने खाड़ा।
अगले जन्म में रींछ बने तै, सिर फोडें कोय थारा।।
अगले जन्म में रींछ बने तै, सिर फोडें कोय थारा।।
कह इंद्रमणि भज सद्गुरु ने, हो जागा निस्तारा।
इब तो हर तूँ पशु बराबर, आगै नरक का खाड़ा।।
इब तो हर तूँ पशु बराबर, आगै नरक का खाड़ा।।