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तेरे मन की चादर मैली है, इस मन की चादर धो बन्दे-Kabir Ke Shabd-tere man ki chaadar maili hai, es man ki chaadar dho bande।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

तेरे मन की चादर मैली है, इस मन की चादर धो बन्दे।
बिना भजन के मुक्ति होगी, रहा भूल में सो बन्दे।।

हरिद्वार गया गंगा नहाया,पर मन का मैल धोया ही नहीं।
सदा करी कमाई पापों की,रातों को कदे सोया ही नहीं।
मन्दिर में बैठ कभी थोड़ी सी, हर में लगा ले लौ बन्दे।।

प्यासे को पिलाया ना पानी, अंधे को राह दिखाया ना।
न कियाधर्म कभीजीवन मे,भूखे को भोजनखिलाया ना।
मोह माया के वश में होकर, रहा बीज पाप का बो बन्दे।।

क्यों फिरता है तीर्थ-२ तेरे घर में ही चारों धाम रे।
कर मातपिता की सेवा तुं,उनका ले दामन थाम रे।
दिया जीवन ये अनमोल तुझे, रहा सहम भूल में खो बन्दे।।

बिना भजन के मुक्ति हो ना, बात मेरी ले मान जरा।
सदा करी अपनी मनमानी,अब तो संभल नादान जरा।
ये जीवन बिल्कुल थोड़ा है, मुक्ति की राह तुं टोह बन्दे।।
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