Search

तनै हरि नाम ना गाया, और गाया क्या है बावले-Kabir Ke Shabd-tanai hari naam naa gaayaa, aur gaayaa kyaa hai baavle।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
तनै हरि नाम ना गाया, और गाया क्या है बावले।

ऐरन की चोरी करे और,करे सुई को दान रे।
कोठे चढ़के देखन लाग्या, केतिक दूर विमान रे।।

पतिव्रता भूखी मरै ओर, वैश्या चाबे पान रे।
पतिव्रता तो बैठी, वा वैश्या करे गुमान रे।।

हाथी छूट डार से, लश्कर पड़ी पुकार रे।
नो दरवाजे बंद पड़े,वो निकल गया किस पार से।।

निर्बल पड़ा पहाड़ से, कोई न पूछन हार रे।
साहूकार कै कांटा चुभग्या, उड़ै पड़ गई हाहाकार रे।।

दाख पकै वैशाख में, लगे काग कै रोग रे।
रविदास कर्महीन न पावै, है सत्त पुरुष का भोग रे।।
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply