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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
तजो अविधा नींद, इब तो जाग जा ने तूँ।
तू दाग जिगर का धोले, दिन दिन घटता आवे भोल।
किसी वैध हकीम ने टोह ले जल्दी भाग जा ने तूं।।
पी के राम नाम की भंग ने, चढ़ जा नशा देख ले रंग ने।
तूँ तज दे नीत कुसंग ने, बिलकुल त्याग जा ने तूँ।।
तूँ तज दे नीत कुसंग ने, बिलकुल त्याग जा ने तूँ।।
मन प्रधान पांच है नारी, दिन भर होती फिरें ख्वारी।
सत्संग में डट जा सारी, नेड़े लाग जा ने तूँ।।
कह हरिदास रो मत खाली, जग में क्र ले तूँ धर्म दलाली।
सत्त की भर ले रफल दुनाली, बेशक दाग जा ने तूँ