Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
सुनाऊं तनै ब्रह्म ज्ञान को लटको।।
पहली धारणा करो सत्संग की, गुरू चरणों मे रड़को।
मान गुमान तजो, मत राखो, अभिमान को पटको।।
दूजी धारणा करो नाम की, चढ़े बांस पे नाटको।
पाप कर्म थारे सब जल जावै, फूटै पाप को मटको।।
पाप कर्म थारे सब जल जावै, फूटै पाप को मटको।।
तीजी धारणा चेतन रहना, पाओ ज्ञान को गुटको।
ऐसी सूरत लाओ नाम पे, मिट जाए सब खटको।।
ऐसी सूरत लाओ नाम पे, मिट जाए सब खटको।।
चौथी धारणा करो सेवा की, माया देख मत अटको।
कह कबीर सुनो भई साधो, सीधा शब्द में सटको।।
कह कबीर सुनो भई साधो, सीधा शब्द में सटको।।