Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
शब्द तलवार है भई साधो, लगजा तै होजा परलेपार।।
यम किंकर गढ़ तोड़ बावले आन मिला परिवार।
इकले दम पर आन बजेगी, कौन छुड़ावै तेरा यार।।
यमराजा के पकड़ा जागा, यो भारी दरबार।
ताते खम्ब कै जूड़ा जागा, पड़े कर्म की रे मार।।
ताते खम्ब कै जूड़ा जागा, पड़े कर्म की रे मार।।
पाँच पचीसों लड़ें सिपाही, बांध ढाल तलवार।
और तो सारे भाग लिए रे, पकड़ा गया सरदार।।
और तो सारे भाग लिए रे, पकड़ा गया सरदार।।
कह कबीर सुनो भई साधो, सद्गुरु करो विचार।
जो सन्तों की निंदा करता, डूबेगा काली धार।।
जो सन्तों की निंदा करता, डूबेगा काली धार।।