Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
सद्गुरु कबीर की वाणी, सत्तनाम की कहे कहानी।
सत्तनाम की राह चले जो, उसने अमर पद पाई।।
सत्तनाम तीनों लोक से ऊँचा, सत्तलोक से आई।
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग, सबमें डंका बजाई।
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग, सबमें डंका बजाई।
सत्तनाम के दम पर दुनिया, टिकी हुई है सारी।।
जब जब काल पुरुष ने, झूठा मायाजाल रचा है।
सत्तलोक में सतत्पुरु का, चारोँ ओर से प्रकाट्य हुआ है।
उनके सुरों से गुंजी सतत्पुरुषों की वाणी।।
उनके सुरों से गुंजी सतत्पुरुषों की वाणी।।
सद्गुरु कबीर की वाणी, बड़ी है कल्याण कारी।
हर जीव को आवागमन से, मोक्ष मुक्ति देने वाली।।