Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
सब दिन धंधे में खोया रे, सोया रात ने पड़के।।
पड़ा खटिया के माह विचारे, चित्त भरमत डोले तू सारे।
इसे के धंधे लगे थारै, कोनसा काम करूँ तड़के।।
भाई तू उठ सवेरे जाग्या, फेर तू उसी काम में लाग।
भाई तू हंडे भाग्या 2, बिजली काल की कड़के।।
कदे सुकृत काम किया ना, ,प्रिभु का नाम लिया ना।
इन हाथां दान किया ना , न्योली बंधी रही कड़के।।
बन्दे भज ले हर का नाम , ,तेरी बीती उम्र तमाम।
यूँ गावे दास् मुखराम , भजन बिन मर जागा सड़के।।