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फकीरी में मजा जिस को, अमीरी क्या बिचारी है-Kabir Ke Shabd-phakiri men majaa jis ko, amiri kyaa bichaari hai।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
फकीरी में मजा जिस को, अमीरी क्या बिचारी है।

तज सब काम दुनिया के फिक्र घरबार की छूटे।।


सदा एकांत में बाशा, याद पृभु की प्यारी है।
नहीं नोकर किसी जन के, न मन मे लालसा धन की।।

सबुरी धार कर मन मे,
मिले सत्संग सन्तों का, चले नित ज्ञान की चर्चा।
पिछाना रूप अपने को, भेद सब दूर तारी है।।

सभी जग जीव से प्रीति, बराबर मान अपमाना।
वो ब्रह्मानन्द पूर्ण में, मगन दिन रैन सारी है।।
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2 responses

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