Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
नाम की जड़ी रे हरि नाम की जड़ी।
घोल-२ पिले तेरे पास में पड़ी।।
रत्न अमोला तनै तन पाया।
कीच बीच मे काहे को धँसाया।
गुरु ने जगाया, तेरी आंख ना उघड़ी।।
कीच बीच मे काहे को धँसाया।
गुरु ने जगाया, तेरी आंख ना उघड़ी।।
नो दस मास तनै गर्भ में बिताए।
नरक बीच पड़ा करै हाय हाय।
नरक बीच पड़ा करै हाय हाय।
भूल गया काहे तेरी नीत बिगड़ी।।
आया न ध्यान तुझे करी नहीं करनी।
अब तो पड़ेगी तुझे सारी पूंजी भरनी।
तज के राम सुमरनी, तनै माया पकड़ी।।
अब तो पड़ेगी तुझे सारी पूंजी भरनी।
तज के राम सुमरनी, तनै माया पकड़ी।।
रामकिशन रोको मन है शैलानी।
जाना तो है ये जगह है बिरानी।
करनी भरनी बांध कमर की तूने पकड़ी।।