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मुझे मिल गया मन का मीत, ये दुनिया क्या जानै – Kabir Ke Shabd-mujhe mil gayaa man kaa mit, ye duniyaa kyaa jaanai।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

मुझे मिल गया मन का मीत, ये दुनिया क्या जानै।
मेरी लगी गुरु संग प्रीत, ये दुनिया क्या जानै।।

पेशी जब गुरुवर की लगाई, पासा पलट गया मेरे भाई।
मेरी हार हो गई जीत।।

प्रीतम ने खुद प्रेम जताया,करके ईशारा पास बुलाया।
है प्रेम की उल्टी रीत।।

ताल अलग है राग अलग है, ये वैराग अनुराग अलग है।
मन गाए किस के गीत।।

सत्संगी होकर जो सीखा, काम क्रोध को कर जो सीखा।
ऐसा है ये संगीत।।
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