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म्हारे अवगुण भरे हैं शरीर, कहो न कैसे तारोगे-Kabir Ke Shabd-mhaare avagun bhare hain sharir, kaho n kaise taaroge।।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
म्हारे अवगुण भरे हैं शरीर, कहो न कैसे तारोगे।।

रंका टारे बंका तारे, तारे सदन कसाई।
ध्रुव प्रह्लाद याद से तारे, तारी मीराबाई।।


पीपा तार सुदामा तारे, नामा की छान छवाई
सैन भक्त का संशय मेटा, आप बने हरि नाई।।

नरसीजी के कारज सारे, दीन्हा भात भराई
मनसा सेठ का मान जो मारा,गढ़ सिरसे के माही।।

आप बने थे खुद बंजारा, कबीरा की यज्ञ रचाई।
कह हरिदास भूलिए मतना, जो है सच्चा साईं।।
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