Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
मन मेरा हो, हो चल असल फकीर।।
काम क्रोध मद लोभ मोह की,
पैरों पड़ी जंजीर।।
पांच तत्व का बना पुतला,
संग ना चले शरीर।।
भाई बन्धु तेरा कुटुम्ब कबीला,
कोय ना बंधावै धीर।।
कह कबीर सुनो भई साधो,
उस दिन की करो तदबीर।।
Kabir Ke Shabd |
काम क्रोध मद लोभ मोह की,
पैरों पड़ी जंजीर।।
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