Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
ले के जग से बुराई मत जाना रे।
घर आए को भगवान समझना।
अपना सा सब को इंसान समझना।
सबसे मीठी वाणी बोल रे, प्रेम है अनमोल रे।
मत तीखे वचन सुनाना रे।।
ना प्राणी औरों पे तुं हंसना, खुद अपने कर्मों में न फंसना।
आज मेरा कल तेरा, लेकिन फिर है अंधेरा।
सदा रहता ना एक सा जमाना रे।।
सबसे मीठी वाणी बोल रे, प्रेम है अनमोल रे।
मत तीखे वचन सुनाना रे।।
ना प्राणी औरों पे तुं हंसना, खुद अपने कर्मों में न फंसना।
आज मेरा कल तेरा, लेकिन फिर है अंधेरा।
सदा रहता ना एक सा जमाना रे।।