Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
क्या नै देख कै दिवाना हुआ रे।।
पांच तत्व का बना यो पुतला,
बीच मे मनवा हुआ रे।
टूट जागा पिंजरा बिखर जां ताड़ी,
उड़ जागा मनवा सुआ रे।
उड़ जागा मनवा सुआ रे।
मात-पिता तेरा कुटुम्ब कबीला,
बहन भांजी बुआ रे।
बहन भांजी बुआ रे।
कह कबीर सुनो भई साधो,
जीत चले जग जुआ रे।
जीत चले जग जुआ रे।