Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
खेल तेरे दो दिन के हैं सारे।
दो दिन के तेरे रँगले बंगले, दो दिन के महल चौबारे।।
दो दिन का है जग में बसेरा,कोई न तेरा कोई न मेरा।
दो दिन के रिश्ते नाते, और दो दिन के यारे प्यारे।।
बहुत बड़ा परिवार है तेरा, माना सबसे प्यार है तेरा।
दूर ये पल में हो जाएंगे, तेरी ये आंख के तारे।।
कहें सन्त ये जग है बेगाना,जो आया है उसको है जाना।
राम नाम से लग जाएगी, तेरी नाव किनारे।।