Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
कर जिन्दड़ी कुर्बान, साथन म्हारी है।
तेरो आयो हज़ारी हंसा पावनो म्हारी हेली है।।
तत्व से तुर्या तुरत मिलावना, म्हारी हेली है।
हो ज्ञान घोड़े असवार।।
गगन मण्डल में बाजो बाजियों, म्हारी हेली हे।
बिन पायल रमझोल।।
बिन पायल रमझोल।।
सुन्न महल में दिवाला जोतियाँ म्हारी हेली हे।
बिन बाती बिन तेल।।
बिन बाती बिन तेल।।
सत्तलोक में झूला झुलिया, म्हारी हेली हे।
सद्गुरु झुलावनहार ।।
सद्गुरु झुलावनहार ।।
कह कबीरा धर्मिदास ने म्हारी हेली हे।
तुम चलो शब्द की लार।।
तुम चलो शब्द की लार।।