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जब तेरी डोली निकाली जायेगी बिन मुहूरत के उठा ली जायेगी-Kabir Ke Shabd-jab teri doli nikaali jaayegi bin muhurat ke uthaa li jaayegi॥

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

जब तेरी डोली निकाली जायेगी।
बिन मुहूरत के उठा ली जायेगी॥

उन हकीमों से कहो यों बोल कर,
करते थे दावा किताबें खोल कर,
यह दवा हरगिज न खाली जायेगी ॥

जर सिकंदर का यही पे रह गया,
मरते दम लुक़मान भी यों कह गया,
यह घड़ी हरगिज न टाली जायेगी ॥

क्यों गुलों पे हो रही बुलबुल निसार,
है खड़ा माली वो पीछे होशियार,
मारकर गोली गिरा ली जायेगी ॥

होगा जब परलोक में तेरा हिसाब,
कैसे मुकरोगे बता दो ऐ जनाब,
जब बही तेरी निकाली जायेगी ॥

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