Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
हर में हरी को देखा।। रे साधो।।
आप माल ओर आप खजाना, आपै खर्चन हारा।
आप गलीगली भिक्षा मांगै, लिए हाथ मे प्याला।।
आप ही मदिरा आप ही भट्ठी, आप चुवावन हारा।
आप सुराही आपै प्याला, आप फिरै मतवाला।।
आप सुराही आपै प्याला, आप फिरै मतवाला।।
आप ही नैना आप ही सैना, आपही कजरा काला।
आप गोद में आप खिलावै,आपै मोहन वाला।।
आप गोद में आप खिलावै,आपै मोहन वाला।।
ठाकुर द्वारे ब्राह्मण बैठा, मक्का में दरवेशा।
कह कबीर सुनो भई साधो, हरि जैसे को तैसा।।
कह कबीर सुनो भई साधो, हरि जैसे को तैसा।।