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गाढ़ी नींद न सोवै, आगे पन्थ दुहेला-Kabir Ke Shabd-gaadhi nind n sovai, aage panth duhelaa।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

गाढ़ी नींद न सोवै, आगे पन्थ दुहेला।
कालबली से राड़ मंडी है,ना जानो क्या होए।।

ओघट घाट कपाट बज्र के, गुरु समझावै तोए।
निर्मल ज्ञान ध्यान साहब का, राखो चित्त पिरोये।।

सूरत निरत धर एकै घर में, दूर कर दिल की दोई।
नित्यानन्द भज स्वामी गुमानी, ये मैदान बिगोई।।
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