Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
एक दिन पड़ेगा सबको ही जाना।
साथ ना चलेगा कोई, माल ओ खजाना।।
दो दिन का है ये जग मेला,उ जाएगा तेरा हंस अकेला।
सदा ना रहा किसी का जग में ठिकाना।।
क्या तेरा क्या मेरा पगले,रह जायँगे तेरे रँगले बंगले।
मोह माया का तुं बना है दिवाना।।
मोह माया का तुं बना है दिवाना।।
मुश्किल से पांया ये तन चोला,
नाम हरि का तूने क्यों नहीं बोला।
कर्मों का फल तुझे, पड़ेगा चुकाना।।
कर्मों का फल तुझे, पड़ेगा चुकाना।।
इस जीवन का लाभ उठाले,
हर के नाम से प्रीत लगाले।
राधे श्याम सदा, हरि गुण गाना।।
हर के नाम से प्रीत लगाले।
राधे श्याम सदा, हरि गुण गाना।।