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देख कबीर रोया संसार के लिए-Kabir Ke Shabd-dekh kabir royaa sansaar ke lia।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 
कबीर के शब्द

देख कबीर रोया संसार के लिए।
हर चीज रँगी है रंग में व्यापार के लिए।।

सच्चाई हुई ठंडी, हुए नर नारी पाखण्डी।
हर दिल स्वार्थ की मंडी, ईमान कहाँ पड़ सोया।।

प्रीत रीत सब रिश्ते,दिखें सभी है पीसते,
शैतान बने हैं फ़रिश्ते, सन्त ज्ञान कहां है सोया।।

गाली कड़वी कहानी,उगले सभी प्राणी।
तलवार बनी है वाणी,  किसने इंसाफ डबोया।।

कुछ तेरा ना कुछ मेरा,ये चिड़िया रैन बसेरा।
रामकिशन माटी का ढेला, क्यूं बीज विघ्न का बोया।।
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