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चली जा रही है, उम्र धीरे धीरे-Kabir Ke Shabd-chali jaa rahi hai, umr dhire dhire।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
चली जा रही है, उम्र धीरे धीरे।

ये पल पल आठों, पहर धीरे धीरे।।

बचपन भी बीता, जवानी भी जाए।
बुढ़ापे का होगा, असर धीरे धीरे।।

तेरे हाथ पांव में, बल ना रहेगा।
झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे।।

शिथिल अंग होंगे सब, इक दिन तुम्हारे।
तेरी मन्द होगी, नजर धीरे धीरे।।

बुराई से मन को तूँ अपने हटा लें,
मंजिल तक जाएगा, सफर धीरे धीरे।।
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