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चल हंसा वा देश जहां, पिया बसै चित चोर-Kabir Ke Shabd-chal hansaa vaa desh jahaan, piyaa basai chit chor।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

चल हंसा वा देश जहां, पिया बसै चित चोर।
सूरत सुहागिन है पनिहारी,भरे ठाढ़ बिन डोर।।

वही देशवा बदल न उमड़े, रिमझिम बरसै मेंह।
चौबारे में बैठ रहो ना, जा भिजहूँ निर्देह।।

वही देशवा में नित पूर्णिमा, कबहुँ न होई अंधेर।
एक सूरज कै कौन बतावै, कोटिक सूरज ऊंजेर।।

कह कबीर सुनो भई साधो, अमृत वचन हमार।
जो भल चाहो आपनो, परखो करो विचार।।
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