Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
बोल सुआ राम राम, मीठी मीठी वाणी रे।।
सोने के तार सुआ, पिंजरों बनाऊं रे।
पिंजरे में मोती आले, झालरे लगाऊं रे।।
खीर ते मिठाई मेवा लापसी जिमाउँ रे।
आंवले को रद तनै, घोल-२ प्याउँ रे।।
चम्पा केरी डाल सुआ, पिंजरों घलाऊँ रे।
पिंजरे में बिठा के तनै, हाथ सों झुलाऊँ रे।।
पगां के माहीं थारे, पैजनियां पहनाऊं रे।
मीरा गिरधारी चरणां, पाए सुख पाऊं रे।।