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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
भजन करो भाई रे, ऐसा तन पायके।
ना रहे लंकापति रावण, ना दुर्योधन रॉय रे।
मातपिता सुत भाई बन्धु, आयो जमराज पकड़ ले जाये रे।
लाल खंभ पर देत ताडनो, बिन सद्गुरु होवै कौन सहाय रे।।
धर्मदास री अर्ज गुंसाई, नाम कबीर कहो गुरू आइ रे।।