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भाई पिंजरे के पंछी रे, पिंजरा तजके जाना होगा-Kabir Ke Shabd-bhaai pinjre ke panchhi re, pinjraa tajke jaanaa hogaa।।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
भाई पिंजरे के पंछी रे, पिंजरा तजके जाना होगा।।

उत्तम पिंजरा तेरा बनाया, इसका नाम धरा दिया काया।
भाई पिंजरे के पँछी रे, बाजा बजाके जाना होगा।।

जो तनै पिंजरा लागै प्यारा, एक दिन होगा इस तैं न्यारा।
भाई पिंजरे के पँछी रे, सजधज के जाना होगा।।

ये पिंजरा तेरा हुआ पुराना, फेर होगा पाछै पछताना।
भाई पिंजरे के पँछी रे, कर्ज उतार के जाना होगा।।

एक दिन आवैं चार सिपाही, फेर तेरी देगा कौन गवाही।
भाई पिंजरे के पँछी रे, आगै यम का थाना होगा।।

पँछी पढले सीताराम तूँ, कुछ तो सुन ले मुंसिराम तूँ।
भाई पिंजरे के पँछी रे, हरिहर भज के जाना होगा।।
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