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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
भाग रे भाग, फकीर के बालका।
कनक और कामनी बाग लागा।।
मार तोहे लेंगे, पड़ा चिल्लाएगा।
बड़ा बेवकूफ तुं, नहीं जागा।।
बड़ा बेवकूफ तुं, नहीं जागा।।
श्रृंगी ऋषि से तो मार गिरा लिए।
बचा नहीं कोई लाख त्यागा।।
बचा नहीं कोई लाख त्यागा।।
दास पलटू कह बचेगा सोइ।
जो दिन रात बैठ, सत्संग में जागा।।
जो दिन रात बैठ, सत्संग में जागा।।