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बंगला अजब दिया करतार, जिसमे झलके जोत अपार – Kabir Ke Shabd-banglaa ajab diyaa kartaar, jisme jhalke jot apaar।

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

बंगला अजब दिया करतार, जिसमे झलके जोत अपार।
कर्म गाल का कंचन गारा, कदे न लागे काई।
बिन पारस के चिनी चिनावट, मेहर छावनी छाई।।

हीरा हेत सुबुद्धि जवाहर, लौ के लाल लगाए।
मन मानस मोतिन की झालर,रत्न जडाव जड़ाए।।

जले असंख्य तेज के दीपक,रोम-२रल किन्ही।
चित्त में चांद करोड़ों चमकें,दृष्टि दिल दुरबीना।।

त्रिगुण तिमिर की द्वन्दन कांपे,निर्गुण नूर नजारा।
आठों पहर अखण्ड रोशनी,धन्य बनावन हारा।।

स्वामी गुमानी सतगुरु मिलकर,जो जो चरणां लागैं।
नित्यानन्द तन भेंटा भीतर,भाग तिन्हों के जागे।।
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