Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
अरे नादान परदेशी, तूँ दुनिया छोड़ जाएगा।।
क्या लाया साथ मे अपने, साथ क्या ले के जाएगा।।
कमाई लाखों की दौलत, करोड़ी बन बैठा है।
धर्म के नाश का कुछ भी, ये धेला काम आएगा।।
धर्म के नाश का कुछ भी, ये धेला काम आएगा।।
मिला शुभ कर्म से नर तन, इसे यूँ ही गंवाना ना।
पृभु के सामने अपना, तूँ क्या चेहरा दिखाएगा।।
रहा ना कोई दुनिया में, जो आया वो गया यहाँ से।
चले जाओगे जब जग से, नाम तेरा रह जाएगा।।
चले जाओगे जब जग से, नाम तेरा रह जाएगा।।