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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
अब तो जाग मुसाफिर जाग, भतेरा सो लिया रे।
पहले तो माता के गर्भ में,सोया तू नो मॉस।
जागा नहीं जगाने वाला,था वो तेरे पास।।
जन्म तेरा हो लिया रे।।
फेर सोया माता की गोद में,तने रहां ना हौंस।
लोरी गाते तने सुलावे माता क्या-2 सोच।
माया ने मौह लिया रे।।
एक जगह बाकी रही तू सभी जगह लिया सोए।
कह कबीर तने खोने में सारी उम्र दी खोए।
काँटा बोय लिया रे।।
लोरी गाते तने सुलावे माता क्या-2 सोच।
माया ने मौह लिया रे।।
फेर सोया त्रिया की सेज पे,गल में बाहिया डाल।
वही वख्त था जागन का तू जागा नहीं गवार।
जन्म तने खो लिया रे।।
एक जगह बाकी रही तू सभी जगह लिया सोए।
कह कबीर तने खोने में सारी उम्र दी खोए।
काँटा बोय लिया रे।।