राग काफी ८२ वो विधि जैसे नटवा चलता,
राग काफी ८२वो विधि जैसे नटवा चलता,बांस पर ढोलिया डोल बजाए।जैसे जठवा चलत बास पर,डोलिय ढोल बजावे ।पर लावे ।अपना
राग काफी ८२वो विधि जैसे नटवा चलता,बांस पर ढोलिया डोल बजाए।जैसे जठवा चलत बास पर,डोलिय ढोल बजावे ।पर लावे ।अपना
भजन राग देश ८१ हमका ओढ़ावे चदरिया चलती बिरिया,उलट गई दोप्राण राम जब निकसन लागे।नैन पुतरिया,भीतर से जब बाहर लाये।अटरिया।चारि
ध्यान में रूचि रखने वाले, अवलोकन करें! ‘तन का तनिक भरोसा नाहीं, काहे करत गुमाना रे’ – इस कबीर भजन
कबीर यो संसार पाप यो संसार पाप का बंधन,तोड़ लिए जै टॉ सकै तै उस ईश्वर से नाता बन्दे, जोड़
कबीर भजन श्याम कल्याण हरि का ध्यान धरे है भाई, तेरी बिगड़त बात बन जाई। मीरा तारेउ गनिका तारेउ सदन
Kabir ke Shabd कबीर भजन श्याम कल्याण पीले प्याला हो मतवाला प्याला, नाम अमिट रस का रे। बालापन सब खेल
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HENDRIK MORELLA
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