कबीर भजन
राम कहो आराम मिलेगा
राम कहो आराम मिलेगा,सही रटन की जो हो चास।
सुबह नहीं तो शाम मिलेगा,मन में रख पक्का विश्वास।
भरे रीता दे रीते भर दे,जिस पे नजर मैहर की करदे।
भीड़ पड़े आ काढ़ कसर दे,हरि भक्त के हों सै दास।
हरीभजन जो निश दिन गावे,पाप सभी मन के धो जावे
पांच चोर ना धोरे आवें,तीन का हो जा तोड़ खुलासा।
तुहि-२कर शाम सवेरी, होजा शुद्ध आत्मा तेरी।
जन्म मरण की छूट के फेरी,मुक्ति पद की होजा आश।
चन्द्रभान ये सन्त बताते,मुक्ति का मार्ग दिखलाते।
भगवन से हैं गुरु मिलाते,कर सेवा खा मेवा ख़ास।