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JagMag JagMag Hoi Hansa Re – Kabir Bhajan

kabir

Kabir Ke Shabd

जगमग-2 होइ हंसा रे जग…….
.बिन बादल जहाँ बिजली रे चमके,अमृत वर्षा होइ
ऋषि मुनि देव करें रखवाली पी ना पावे कोई
निशि वाशर जहाँ अनहद बाजे,धुन सुन आनंद होइ
जोत जगे साहिब के निशदिन सहज में सहज समोई
सार शब्द की धुन उठत है,बुझे बिरला कोई
झरना झरे नहर के नाके,पीते अमर हो जाई
साहिब कबीर भये वैदेही,चरणों में भक्ति समोई
चेतन वाला चेत प्यारे ना तै जागा बिगोई
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