Search

कबीर इसे सन्त के न्यूए मिलै सै -It meets the saint’s new-Kabir Ke Shabd-ese sant ke nyua milai sai jo aake aap chitaavai sai

इसे संत के न्यूए मिलै सै जो आके आप चितावै सै
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
इसे संत के न्यूए मिलै सै 

इसे संत के न्यूए मिलै सै जो आके आप चितावै सै
इसे संत के न्यूए मिलै सै जो आके आप चितावै सै,

 कलयुग के पहेरे में आकर जीवो के फंड छुटाव सै |
(१)कहा मान ले सुरता प्यारी ,चल सतगुरु के धाम हे .
सतगुरु के दरसन करने से बनजा सारे काम हे
जब मुख से वे बनी बोले अमृत की धार बहाव से …….
(२)पहले तो तू दरसन करले,फेर तू सत्संग सुनिए हे ,
सत्संग सुनकर पर्सन होकर ओसदी नाम की मांग लिए
लेके ओसदी नाम रटा कर इसमें कल्याण बतावै सै ………..
(३)देवी-देव और पितृ भुत की सारी लाग छुटाव से
जप-तप,यग,तीर्थ और पूजा घट अन्दर बतलाव सै
घट के अन्दर सतगुरु बठे सूली की सुल बनाव सै ………..
(४)सतगुरु के दरसन करने से तन मन तीर हो जावै सै
काम क्रोद भी दूर भाग जा ,तरसना भी मिट जावै सै
थारे धोरे के लेव से कुछ देकर घरा खंदावे से………
(५)”सतगुरु ताराचंद” जी हमारे हेला देके बुलाव से
“संत कवर” हे वक़त के सतगुरु शब्द जहाज में बिठाव सै
आप बने पायलेट जहाज के मुक्ति धाम पहुचावै से…………
कलयुग के पहेरे में आकर जीवो के फंद छुटाव
इसे संत के न्यूए मिलै सै जो आके आप चितावै सै ,
 कलयुग के पहेरे में आकर जीवो के फंद छुटाव
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग -२ !
१) पहले तो माता की गर्भ मै सोया तू नो माह !
पहले तो माता की गर्भ मै सोया तू नो माह !
जाग्या नहीं जगाने वाला था वो तेरे पास
जन्म तेरे हो लिया रे जन्म तेरा हो लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
२) फिर सोया माता की गोद मै तन रहया ना होस !
फिर सोया माता की गोद मै तन रहया ना होस !
लोरी दे दे तन सुलाव माता का क्या दोस !
माया न मोह लिया रे माया न मोह लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
३) फिर सोया त्रिया की सेज पैर गले मे बैया डाल !
फिर सोया त्रिया की सेज पैर गले मे बैया डाल !
यही वकत था जागन का तू जाग्या नहीं गवार !
जन्म तैने खो लिया रे जन्म तैने खो लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
४) एक जगह बाकी रही तू सभी जगह लिया सोय !
एक जगह बाकी रही तू सभी जगह लिया सोय !
कहे कबीर तैने सोने मे सारी उमर दई खोय !
यो काटा बो लिया रे यो काटा बो लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू|
(१)नर नारी में एक ही कहिए दोउ जगत में दर्श तू,
बालक होके रोवण लगगया माता बन पुचकारे तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
(२)कीड़ी में छोटा बन बैठा हाथी के में मोटा तू ,
होए मगन मस्ती कर डोलै महावत बनकर बैठा तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
(३)राज घरा में राजा बन बैठा मंगता के में भिखारी तू,
होए झगड़ालू झगड़ा लाग्या फोजदार फोजा में तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
(४) देवल में देवता बन बैठा पूजा में पुजारी तू ,
चोरी करके बाजै चोरटे खोज करन में खोजी तू|
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू|
(५) राम की करता राम ही भरता सारा खेल रचाया तू,
कहें”कबीर” सुनो भाई साधो उल्ट खोज कर पाया तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
राधा स्वामी दयाल की दया राधा स्वामी सहाय|

सतगुरु मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !
दाता मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !

१) पैरो पे लिख दो दरबार मे जाना -२ !
मै सत्संग सुनती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ -२ !!
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
२) हाथों पे लिख दो सेवा आपकी -२
मै सेवा करती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम ……….
३) जिभ्या पे लिख दो नाम आपका -२
मै सुमिरन करती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम………. .
४) नैनो में लिख दो दीदार आपका -२
मै दर्शन करती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
५) माथे पे लिख दो ज्योति आपकी -२
मै नूर निरखती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
६) कानो पे लिख दो धुन शब्द की -२
झंकार सुनती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
७) सतगुरु ताराचंद जी मेरे थारे दास कवंर है पुरे
मै सरन पड़ी हु थारे मेरी भव से नैया पार कर दो
सतगुरु मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !
दाता मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !

ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !!

1) कोए तो आव बेटा मांग !
कोए तो आव बेटा मांग !
उनको गुसाई दीजे जी !
कोए तो आव दुःख का मारा हम पैर कृपा कीजे जी !!
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !
2) कोए तो आव दोलत मांग !
कोए तो आव दोलत मांग !
भेट रूपया दीजे जी !
कोई कराव बैया सगाई सुनत गुसाई रीझ जी !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !!
3) साची का कोई ग्राहक नाही !
साची का कोई ग्राहक नाही !
झूठा जगत पसीजे जी !
कहत कबीर सुनो भाई साधो अन्धो का क्या कीजे !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !!
राधा स्वामी
राधा स्वामी राधा स्वामी दयाल की दया राधा स्वामी सहाय,,,,,,,,,,,,,,,
मेरे दाता मेरे सर पे तेरी दया का हाथ हो ,
तू हे दानी दीन बंधू जगत का आधार तू ,
मेरे अन्दर में समाजा मेरी सासों सास में,
याद तेरी आती रहे तो भव से बेडा पार हो,
कामना पूरण हो सब की चरणों का परसाद दे,
मेरे दाता मेरे सर पे तेरी दया का हाथ हो ,
तू हे दानी दीन बंधू जगत का आधार तू |
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !!
1) बिना मूळ एक दरखत देख्या पात नजर नहीं आया माहर साधो पात नजर नहीं आया-2
जब मेरा मनवा हुआ दीवाना जब मेरा मनवा हुआ दीवाना -2 !
तोड़ तोड़ फल खाया माहर साधो तोड़ तोड़ फल खाया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया -2 !!
2) बिना ताल एक सरवर देख्या नीर नजर नहीं आया माहर साधो नीर नजर नहीं आया-2
जब मेरा मनवा हुआ दीवाना जब मेरा मनवा हुआ दीवाना – 2!
कूद कूद कर नहाया महार साधो कूद कूद कर नहाया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया -2 !
3) बिना सूंड एक हाथी देख्या नैन नजर नहीं आया माहर साधो नैन नजर नहीं आया -2
जब मेरा मनवा हुआ दीवाना जब मेरा मनवा हुआ दीवाना -2 !
राकशस मार गिराया माहर साधो राकशस मार गिराया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया -2 !
4) बंद कोठरी मै साधू तपता हाड मॉस नहीं काया माहर साधो हाड मॉस नहीं काया -2 !
कहत कबीर सुनो भाई साधो भेद कछु नहीं पाया माहर साधो भेद कछु नहीं पाया !!
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !!
राधा स्वामी

मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे……….
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|

(१)सत मात-पिता गुरु भ्राता,मोहे तुम संग जोड़ा नाता
गुण गाऊ में शाम सवेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
(२)तुम जीवो के हितकारी ,मै दीन-दुखी बड़ा भारी
तुमने काटे कष्ट घनेरे ,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
(३)मंझधार में डोले मेरी नैया ,गुरु आप ही बनो खवैया,
मेरे पार लगा दो गेडे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
(४)ना डून्डू मथुरा कासी ,मै तेरे चरणों की दासी
काटो काल जाल के घेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
क्या हरिद्वार कनखल में,ना हर की पैडी गंगा जल में
मैने मिलगे दिनोद के डेरे ,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
देख देख जीवां नी मै वारी वारी जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !
1) जदों मेरे सतगुरु मीठी वाणी बोलदे !!2!!
पाप धर्म नु पलडे विच तोलदे !!2!!
जदों करदे वे प्यार नी मै कमली हो जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
2) जदों मेरे सतगुरु सोने सोने टूर दे !!2!!
देवता भी खड़े ऊते फूल बरसानदे !!2!!
सभी ऊते खड़े खड़े खिड़ खिड़ जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
3)जदों मेरे सतगुरु परवचन सुनान्दे !!2!!
कागा भी खड़े उते हंस बनजांदे !!2!!
मै भी उते खड़ी खड़ी बाग़ बाग़ होवां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
4)सतगुरु ताराचन्द जी अगम के वासी !!2!!
दास कवर भी है बड़े अविनासी !!2!!
चरणा में इनके हम भी शीस नवावा !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
देख देख जीवां नी मै वारी वारी जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !
राधा स्वामी

साधो भाग न पलटा खाया
सात जुलाई साल सतहतर, सतगुरु सरणी आया !!टेक!!

धन धान्य मै जन्म हुआ था, काफी लाड लड़ाया !
चार साल की उम्र हुई तब, पिता का उठ गया साया !!1!!
सुख की घडी बीत गई पीछ, दुःख का बदल छाया !
गोती नाती और संगाती, कोय नहीं था सहाया !!2!!
भोली माता दर्द भरी, सब कुटम्ब का भार उठाया !
कर कर काम पले थी हमको, सुख गई थी काया !!3!!
चाँद से चेहरे लगे सूखने, जैसे फूल मुरझाया !
कभी हंसके कभी रोके रहे, न्यू ए टेम टपाया !!4!!
टोटा होता खोटा भाई, किसे न ना हाथ बटाया !!
रहे अटल सदा धरम पर, सोचा ढलती फिरती छाया !!5!!
जब जब हार होव माणस की, साथ छोड़ दे माया !
सबकी सुनते कुछ नहीं कहते, अपना मन समझाया !!6!!
पढ़ लिख करके लगा पढाने, दो रोटी कम साधन पाया !
पिछली बाते भूल गया तो, करने लगा मन चाहा !!7!!
शराब नसा जो नास नशा है, उसका ऐब लगाया !
सभी समझाव बुरी बताव, माना ना समझया !!8!!
एक दिन गया देखने खातिर, सतगुरु ताराचंद धोरे आया !
ज्ञान ध्यान को मै क्या जानू, कहता क्या पाखंड रचाया !!9!!
कहने लगे पिछले तीन जन्म का, उठाक ले छाती क लाया !
चाय का प्याला लगा होटों से दिया हाथ मै थमाया !!10!!
बख्शी मोज बढा प्रेम रोज, गुरु अचरज थारी माया !
कुरडी से महल अरंड से चन्दन, काग से हंस बनाया !!11!!
जन्म जन्म से फिरू था भरमता, सतगुरु ने कर दी दया !
जितना प्यार मिला यहाँ, कभी सपने भी ना पाया !!12!!
अपनी बीती आप कही है, नहीं और का किस्सा गाया !
‘कवर’ अर्ज करे सतगुरु रखियो, चरण कवँल की छाया !!13!!
राधा स्वामी

साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
सिर सांटे जो सतगुरु मिलज्या, तो भी जानो सरलो !!टेक!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !

ताड़ मार जो करे सतगुरु, समझो काट्यो कर्म पुर्बलो,
लाड प्यार जो करे तुमसे, आनंद कोठा भरलो !!१!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
बचन सुनो सतगुरु प्यारे के, सुन सुन हृदय धरलो,
जब तक इससे प्रेम नहीं, तो कैसे दरस उरलो !!२!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
नाम दान हमने उनसे पायो, मेटो काल को डरलो,
काल जाल से तभी बचोगे, मरने से पहले मरलो !!३!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
सतगुरु ‘ताराचंद’ कहें समझ ‘कंवर’ हम ज्ञान बतावां धुरलो,
सूरत शब्द का साधन करके भवसागर से तरलो !!४!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
राधा स्वामी

चल सतगुरु के धाम हेली, तजदे सारे काम हे |
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||

नाम बिना कोई गाम ना पावे , बिना नाम कोई भेद ना आवे |
नाम बिना कैसे घर जावे, सबसे बड़ा है नाम हे ||
चल सतगुरु के धाम हेली, तजदे सारे काम हे |
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
नाम बिना कोई ख़त ना आवे, नाम बिना जग धक्के खावे |
नाम बिना नुगरा कहलावे, भोगे कास्ट तमाम हे ||
चल सतगुरु के धाम हेली, तजदे सारे काम हे |
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
नाम बिना कलेश न जावे, बिना नाम नित काल सतावे |
चोरसे में रहे भरमावे, भोगे चारो खान हे ||
चल सतगुरु के धाम हेली, तजदे सारे काम हे |
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
नामी खोजो तुम सतपुर का, भेद मिलेगा तुझको धुर का |
भूल भ्रम का फाड़ दे बुरका, करो सुमरन आठों याम हे ||
चल सतगुरु के धाम हेली, तजदे सारे काम हे |
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
गुरु ताराचंद जी हैं सतगुरु पूरे, लेओ नाम वे वक़्त हजुरा |
कँवर इर्षा करके दूरे, उनको करो सलाम हे ||
राधा स्वामी ||

कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
आवन की मन भावन की – 2 !
कोई कहियो माहर दाता न आवन की !
कोई कहियो माहर मालिक न आवन की !

1) आप न आव पतियन को भेजे – 2 !
बान पड़ी ललचावन की – 2 !!
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की – 2 !!
2) क्या करू कुछ बस नहीं मेरा – 2 !
पंख नहीं उड़जावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की – 2 !!
3) ये दो नैना कहियो नहीं मान – 2 !
नदिया बहे जैसे सावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की -2 !!
4) नन्ही नन्ही बूंद पडत है – 2 !
शीतल पवन सुहावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की -2 !!
5) मीरा के प्रभु गिरधर नागर – 2 !
चेली भई तेरे पावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की -2 !!
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
आवन की मन भावन की – 2 !
कोई कहियो माहर दाता न आवन की !
कोई कहियो माहर मालिक न आवन की !
!!राधा स्वामी !!

मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|

(१)शाम-सवेरे मेरी याहे अर्जी,ना आओ तो थारी मर्जी,
मेरा क्या चाले जोर बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(२)मात-पिता का कोई न सहारा,मेरा तो एक आप सहारा
जग के तारण हार, बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(३)डगमग डोल रही मेरी नैया,तुम बिन सतगुरु कोण खवैया
दाता थारे हाथ मेरी डोर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(४) डाटू सु दिन डट्टा कोन्या,रत कटे दिन कटता कोन्या
मेरे उठे प्रेम की लहर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(५)कोयल मोर प्पहिए बोलै,सुण-२ के मेरा तन-मन डोले,
जसे पतग संग डोर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
( ६)पागल कहता सभी जमाना,तुझ पर दिल मेरा हुआ दीवाना ,
जेसे चाँद चकोर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(७)लिख परवाना सतगुरु धोरे भेजा,कब कब सी थारे दरसन पावा,न आओ तो प्राण ग्वावा
रो-२ के मचा दू शोर, बताओ कब आओगे…….
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(८)लिख परवाना सतगुरु ने भेजा,बच्चो दिन में रखियो धीर
एक दिन आवागे,बताओ कब आओगे …
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(९)सतगुरु “ताराचंद “ने दया फरमाई, दास “कवर”जी के दिल में समाई
भजन में लाइयो जोर,बताओ कब आओगे …
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|

गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!

1) गुरु ही गुरु गाओ भाई गुरु ही फिर होव सहाई !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
2) जितने पद ऊँचे नींचे गुरु बिन कोई नहीं पहुंचे !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
3) गुरु ही घट भेद लखाया गुरु सुन्न सिखर चढाया !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
4) महासुन्न भी गुरु दिखलाई गुरु भवर गुफा दरसाई !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
5) गुरु सतलोक पहुचाया गुरु अलख अगम दरसाया !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
6) गुरु ही सब भेद बखाना गुरु से राधा स्वामी जाना !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
राधास्वामी

गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!

1) ना पास ना पूजा के लिए स्वीकार करो मेरे दो आंसू -२ !
यही भेट है इस दीवाने की यही फूल चडाने आया हु -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
2) ना वास्ता मुझको दुनिया से नहीं तेरी दुनिया वालो से -२ !
ये सेवक छोड़ कर सब दुनिया तुमको अपनाने आया है -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
3) देखा है अजब की दुनिया को यहाँ कोई नहीं पाया अपना -२ !
हे सतगुरु प्यारे तुम्हारे बिना हर और अँधेरा छाया है -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
4) सतगुरु जी मेरे बनो ना बनो मै तुमको अपना बना बैठा -२ !
धड चीर के दास का दिल देखो अंग अंग मै तुम्ही समाये हो -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
राधा स्वामी………
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ |
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
1) वो अपनी सरण मे ले लेंगे -२ |
चरणों मे मुझे बिठा लेंगे -२ |
मेरे सतगुरु गरीब नवाज हो नवाज हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
2) मेरे सतगुरु ब्रह्म विष्णु जी है -२ |
मेरे सतगुरु राम हो कृषण जी है -२ |
मेरे सतगुरु दाता दयाल हो दयाल हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
3) मेरे सतगुरु मथुरा कांसी है -२ |
मेरे बाबा संत अविनासी -२ |
मेरे सतगुरु तीरथ राज हो राज हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की ||
4) मेरे सतगुरु बड़े दयालु है -२ |
मेरे सतगुरु बड़े कृपालु है -२ |
तेरे बन जायेंगे सब काम हो काम हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
राधा स्वामी………

मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||टेक||

१) मै अधम तुम्हारे दर आया , तुम मुझ पर करना दया |
लिपटा हूँ जग मोह माया , तुम ही काटो ये जंजाला ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
२) ज्ञानी नहीं हूँ अज्ञानी , ना कोई सेव बंदगी जानी |
तुम ही करना मेरी सहामी , तू ही है मेरा रखवाला ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
३) बल पौरूस कुछ साहस नाहि , बहता भ्रम धार के माही |
मुझे तुम ही पार लगहि , दो तोड़ भ्रम का ताला ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
४) घट अंतर का दर्श दिखाओ , मेरे मन की तपन भुजाओ |
बस और ना अब तड़पाओ , हो गया हू बेहाल ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
५) दास “कंवर” की सुनो पुकारी , सतगुरु “ताराचंद” ये अर्ज हमारी |
मिलने की विरह करारी , जल्दी से लियो संभाल ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
राधा स्वामी

लगा लो मुझको चरणों से , पड़ा हूँ बाट में थ्हारी |टेक|

1) लगी है प्यास दर्शन की , बुझेगी जब बुझाओ |
तपन बेहद है सीने में , जली जाती है देह सारी ||
2) नहीं हिमत है आने की , चढू जब खुद चढाओगे |
विकट मंजिल है तेरी दाता , कर्म का बोझ है सिर भारी ||
3) भरूँ यहाँ घूंट विषयों के , अमी कब गुरु पिलाओगे |
पड़ा सोया था जन्मो से , जगा धुन्कार सुन प्यारी ||
4) कुटुंब परिवार ने घेरा , पकड़ माया कसा फंदा |
जगत है खून का प्यासा , छुटू जब हो दया थ्हारी ||
5) करो अब देर ना सतगुरु , ढली दोपहर जीवन की |
नहीं इस देस फिर आना , चदाओ अगम की सवारी ||
राधा स्वामी

आया मै सरण तुम्हारी बन्धन तो माहरे काटियो हो गुरु जी |टेक|

युगा – यूगा का हो दाता फिरू मै भटकता , जाण कोण पीड हमारी |१|
मै तो हूँ रोगी भारा तुम माहरे वैद हो , काटो नै सकल बीमारी |२|
काल कर्म के फंदे में ये जीव पड़ा है , दुःख में ही आत्मा पुकारी |३|
दया निधि हो तुम ही सतगुरु स्वामी , जीवों के हितकारी |४|
जीवों तारण दाता आये जगत में , मुझ में क्या बोझा है भारी |५|
सतगुरु ‘रामसिंह’ लाये नाम की नोका , है ताराचंद की बारी |६|
राधा स्वामी

लेना चाहते हो तो आर्शीवाद लो|
देना चाहते हो तो अभय दान दो|
मारना चाहते हो तो बुरे विचारो को मारो|
करना चाहते हो तो दीन दुखियों की सहायता करो|
छोड़ना चाहते हो तो झूठ बोलना छोडो|
बोलना चाहते हो तो मीठे वचन बोलो|
देखना चाहते हो तो अपने अवगुणों को देखो|
सुनना चाहते हो तो दुखियों की पुकार सुनो|
खुश रहना चाहते हो तो दुसरो को खुश रखो|

अगर इन्सान के मन में यह चाहत हो जाए तो उसे किसी और चीज़ की चाहत ही ना रहे|

मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ |टेक|
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ

१) पता नहीं कितने जन्म बिताये , चोरासी का दुःख भरूँ |
काल जाल से न्यारा करदो , इससे मै घणा डरूं ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
२) इब के मुझको संग ले जाना , सतगुरु अर्ज करूँ |
थारे गुण कदे ना भुलू , पक्का मै बचन भरूँ ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
३) तुम हो दाता मै हु भिक्षुक , थारी आस करूँ |
इबके बेडा पार लगा दो , नहीं अध् बीच डूब मरू ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
४) गुरु “रामसिंह” अगम के भेदी , मै भी संग फिरूँ |
कह “ताराचन्द” गुरु दया से , भवसागर पार तिरूँ ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
राधा स्वामी

मै आत्मा परमात्मा मै सत से बिछुड़ गई |
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
मै आत्मा परमात्मा मै सत से बिछुड़ गई |
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||

1) शब्द नाम बिना मुक्ति कोन्या जन्म बीत ज्या सारा |
भजन करण को आई थी मै कर करकै कोल करारा |
गर्भ वास मै वकत कटाया वो था सतगुरु प्यारा |
मै उस सतगुरु नै भूल गई मैन कर लिए खसम अठारा |
सतगुरु तो मेरे घट मै बैठा मै तीर्थ नहाने उठ गई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
2) छ पग नेत्र तीन रांड के एक बंद दो कानी |
अंधे गुरु मिले पापन नै भूली राम कहानी |
कर्म धरम मै लगा दई मैने पूजे मंडी मसानी |
वक्त गुरु को ढूंडा कोन्या यूँ रह गई अनजानी |
अन्धो की टकर मै आक् मेरी आंख ज्ञान की फुट गई |
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
3) पाखंडियो नै भका दई मै नित मंदिर मै जाती |
घी बुरा सकर चावल की रोज रसोई लाती |
मैंने कदे भी ठाकर बोल्या कोन्या मै निशदिन भोग लगाती |
वा थाली भरी रसोई की मै दे पंडता नै आती |
इन पेट कुटा नै खान की खातर मै धोखा दे कै लुट लई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
4) कर्म धरम मै लगी रही मैन कोन्या मालम पाटी |
देबी भरू हनुमान मैने पूजे गुगा जाटी |
एक दिन आवै काल लेण नै वो कर दे रे रे माटी |
वक्त गुरु बिन टूट कोनी या पाप भरम की टाटी |
सतगुरु जी के नाम बिना मेरी सारी उम्र बीत गई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
5) सत्संग के मै चली गई मैंने मिल गये शाह मस्ताना |
धुर दरगाह का कवि बनाया आप सिखाया गाना |
झाडू वाली कंजरी कर गया भर गया भेष जनाना |
छ सो मस्ताना नाम धरा बख्शा नाम खजाना |
सूरत शब्द का रगडा लाग्या मेरी डोर हाथ से छुट गई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||

तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |

1) नो खिड़की का पिंजरा तेरा वाला सभी सवार |
आवां आवां मुखले तेरा जाना सै कमाल ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
2) सुन्दर भोजन रोज खिलाव गहना और सिंगार |
इतर फुलेल तेरे रोज लगाऊ नहीं माना उपकार ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
3) तेरे कारण महल बनाऊ बैठ सूत संसार |
उनको छोड़ जावं तू पल मै निहालो ही निराकार ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
4) कोट बनाऊ तेरे किले बनाऊ बांधू बंध हज़ार |
ब्रह्मानन्द तू ही निकल जाव भव से पार ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
Radha Swami
लगा लो मुझको चरणों से , पड़ा हूँ बाट में थ्हारी |टेक|
1) लगी है प्यास दर्शन की , बुझेगी जब बुझाओ |
तपन बेहद है सीने में , जली जाती है देह सारी ||
2) नहीं हिमत है आने की , चढू जब खुद चढाओगे |
विकट मंजिल है तेरी दाता , कर्म का बोझ है सिर भारी ||
3) भरूँ यहाँ घूंट विषयों के , अमी कब गुरु पिलाओगे |
पड़ा सोया था जन्मो से , जगा धुन्कार सुन प्यारी ||
4) कुटुंब परिवार ने घेरा , पकड़ माया कसा फंदा |
जगत है खून का प्यासा , छुटू जब हो दया थ्हारी ||
5) करो अब देर ना सतगुरु , ढली दोपहर जीवन की |
नहीं इस देस फिर आना , चदाओ अगम की सवारी ||

मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |

1) ध्रुव की बनाईं तुमने प्रहलाद बनाईं -2
द्रोपदी की राखी तुमने लाज सरण मै आये सब की बणी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
2) गणिका गीध और अजामिल तारे -2
डूबत राखे गणराज सरण मै आये सब की बणी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
3) भीलनी के बेर तुमने रुच रुच खाए – 2
भकतो की किन्ही प्रतिपाल सरण मै आये सब की बणी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
4) मीरा के प्रभु गिरधर नागर -2
बाँहे पकड़ राखो लाज सरण मै आये सब की बणी |
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी ||
राधा स्वामी
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply