कबीर के शब्द
ईश्वर से करते जाना प्यार,ओ नादान मुसाफिर।
जीवन की नैया क्र ले पार,ओ नादान मुसाफिर।।
जीवन अनमोल हीरा, मिटटी ना रोल वीरा।
तुझ को समझाया,बारम्बार ओ ।।
जब तक है जोश जवानी,बगड़ी सब बात बनानी।
होने ना पावे, अत्याचार ओ ।।
सज्जन की संगत करना,दुर्जन से हरदम डरना।
वरना तूँ डूबेगा, मझधारा ओ ।।
राम तेरा अंत सहाई, उस को ना भूलो भाई।
जीवन के पल हैं, दो चार ओ ।।