Search

इश्क करे तो कर हरि से – Ishq Kare to Kar Hari Se Kabir Das ji Shabd.

Ishq kabir das ji shabd

कबीर के शब्द

इश्क करे तो कर हरि से, लावै तै लौ लाया कर।
पीवै तो पी प्रेम रस, खावै तो गम खाया कर।।
तजै तो तज तृष्णा को, राखै तो राख शर्म ने।
त्यागै तो कुकर्म को त्याग, मेटै तो ले मेट भर्म ने।
पढ़ै तो पढ़ गीता को, सीखै तो योग कर्म ने।
छोडै तो तूँ पाप छोडदे, मानै तो ले मान धर्म ने।
करे तो जप तप दान यज्ञ,
अतिथियों पर छाया कर।।
ठावै तो ठा दान तेग, डारै तो क्रोध डार दे।
रोकै तो ले काम रोक, मारै तो पाँच मार दे।
जीतै तो ले मन को जीत हारै तो दसों हार दे।
दमन करै तो कर तेरह का, दो छः में मिला चार दे।
आवै तो आ सच्चाई पर,
जावै तो सत्संग जाया कर।।
धारै तो ले मौन धार, बोलै तो साँच बोल तूँ।
भागै तो विषयों से भाग, तोलै तो मत घाट तोल तूँ।
बांधै तो पाखंड बाँध, खोलै तो पोल खोल तूँ।
तलाश करै तो कर ईश्वर की, क्यों वृथा रहा डोल तूँ।
स्नान करै तो तीर्थ कर,
चार धाम भी नहाया कर।।
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply