ईश्वर का अभिवादन किस प्रकार करना चाहिए?
साष्टांग प्रणाम करने से उस देवी देवता को, जिसे आप प्रणाम कर रहे हैं, उनके सामने दृष्टि, मस्तक, तन-मन झुक जाता है तथा अहं भावना नष्ट होकर प्रभु के चरणों को समर्पित हो जाती है।
जब किसी मंत्र का पाठ आरम्भ करते हैं। उससे पहले हरि ओ३म् शब्द का उच्चारण क्यों करते हैं? प्रथम तो हरि ओ३म् का उच्चारण करना वैदिक परम्परा है। वेदठे के समय यदि अशुद्ध उच्चारण हो जाता है तो महापातक नामकेष लगता है। उस दोष (पाप) के निवारण हेतु ही हरि ओ३म् का च्चारण करते हैं।
आखिर क्यों?