पत्नी पति के वाम भाग (बायीं ओर) कब-कब बैठती है?
How often does the wife sit on the left side (left) of the husband? |
सिन्दूर दान, द्विरागमन, भोजन, शयन और सेवा के समय, अभिषेक तथा द्वाह्मणों के पांव धोते समय पत्नी को पति के बायीं ओर रहना चाहिए।
दाहिनी (दायीं ओर Rlsht Side ) पत्नी को किन अवसरों पर बैठना चाहिए?
कन्यादान, विवाह यज्ञकर्म एवं जातकर्म नामकरण तथा अन्न प्राशन के शुभ अवसर पर पत्नी को पति के दाहिनी ओर बैठना चाहिए?
यह बाएं और दायें का चक्कर क्यों?
जो कर्म स्त्री प्रधान होते हैं अथवा जो कर्म इह लौकिक होते हैं।.उसमें पत्नी पुरुष के बायें ओर बैठती है-जैसे मांग में सिन्दूर भरना, सेवा, शयन आदि। परन्तु यज्ञादि, कन्यादान, विवाह ये सभी कार्य पुरुष प्रधान हैं। इसमें पत्नी दायीं ओर बैउती है।